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OIL Kiran Year 20 Vol 33

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वर्ष-20, अंक-33 2023

वर्ष-20, अंक-33 2023

मुद्रक - एक्सक्लूस्सभ, गुवाहाटी, अ्सम

पत्रिका प्रबंधकीय मंडल

मुख्य संरक्षक

श्री अनफर अलरी हक

आवा्सी मुख्य का्य्षपा्क

ऑ्य्, क्षेत्र मुख्या््य, दुस््याजान

संरक्षक

श्री देवाशरीष बोरा

मुख्य महाप्रबंधक (क्षेत्र प्रशा्सन)

ऑ्य्, क्षेत्र मुख्या््य, दुस््याजान

श्री श्यामल प्रसाद दास

महाप्रबंधक (जन ्संपक्ष)

ऑ्य्, क्षेत्र मुख्या््य, दुस््याजान

संपादक

श्री ददगंत डेका

असधकारी (राजभारा)

ऑ्य्, क्षेत्र मुख्या््य, दुस््याजान

संपादक मंडल

डॉ. रमणजरी झा

महाप्रबंधक (राजभारा)

ऑ्य्, सनगसमत का्या्ष््य, नोएडा

डॉ. दवज्य मोहन बरेजा

उप महाप्रबंधक (राजभारा)

ऑ्य्, को्काता का्या्ष््य, को्काता

श्री हरेकृषण बम्मन

उप महाप्रबंधक (राजभारा)

ऑ्य्, पाइप्ाइन मुख्या््य, गुवाहाटी

डॉ. शैलेश दरिपाठरी

प्रबंधक (मा. ्सं. एवं प्रशा. - राजभारा)

ऑ्य्, राजस्ान क्षेत्र, जोधपुर

संपादन सह्योग

श्री दरीपक प्रसाद

का्या्ष््य अधीक्क - 3 (जन ्संपक्ष)

ऑ्य्, क्षेत्र मुख्या््य, दुस््याजान

इस अंक में...

Ä भारत का सवसनसम्षत एआई (AI) ्संचास्त भारा अनुवाद ...

Ä ्संकषे त बतातषे हैं सक मुंह कषे कैं ्सर की हो चुकी है शुरुआत,...

Ä सवश्वभारा की ओर सहनदी कषे बढ़तषे कदम

Ä जो बद्ाव आप दलू्सरों में दषेखना चाहतषे हैं पह्षे सव्यं में ्ाइए 12

Ä राष्ट्र सनमा्षण में ्युवाओं का महतव

15

Ä क्या सडसिट् अ्समानता सनराकरण तकनीक आधाररत...

19

Ä क्या जी.डी.पी. में वृसधि दषेश कषे ्समपलूण्ष सवका्स का ्सलूचक है?

21

Ä डषेसकजॉब और उचच रक्तचाप का ्संभासवत खतरा

24

Ä पोसटपाट्षम सट्रषे्स इज रर्य्

26

Ä हम दुसन्या को सज्स नजर ्सषे दषेखतषे हैं वह उ्सकषे प्रसत...

27

Ä ्ोरी

29

Ä जीवन

29

Ä ्यषे दद्ष भी अजीब है , कभी आं्सलू बहाती है तो कभी शा्यरी !

30

Ä डर ्गता है

31

Ä '्सुकलून'

31

Ä ऑ्यल राजभाषा समाचार

35-43

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वर्ष-20, अंक-33

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वर्ष-20, अंक-33 2023

सप्र्य ्सास््यों,

मुझषे ्यह जानकर अत्यंत प्र्सननता की अनुभलूसत हो रही है सक कं पनी की अध्षवासर्षक गृह पसत्रका “ऑ्य् सकरण’’ वर्ष 20, अंक

33 का प्रकाशन सक्या जा रहा है।

्सरकारी का्या्ष््यों में राजभारा का्या्षनव्यन कषे महतवपलूण्ष कदमों की ्सफ्ता कषे स्ए आपकषे प्र्या्सों को हासद्षक बधाई और

शुभकामनाएं। राष्ट्रभारा कषे प्र्योग को बढ़ानषे और ्समृसधि को ्सुसनसचित करनषे कषे स्ए आपका ्योगदान अत्यंत मलूल्यवान है। इ्स

प्र्या्स में आपकी मषेहनत, ्संघर्ष, और ्समप्षण सनसचित रूप ्सषे ्समाज कषे स्ए एक प्रषेरणास्तोत हैं। हमारी कं पनी ्सदैव ही अपनषे

कासम्षकों ्ससहत उनकषे पररवार कषे ्सदस्यों की ्सासहसत्यक प्रसतभा को उजागर करनषे का काम करता आ्या है, जो राजभारा सहनदी

की ्समृसधि में एक मी् का पत्र ्सासबत हुआ है।

हम ्सभी को गव्ष है सक हमारी ्संसवधासनक भारा को बढ़ावा दषेनषे में हम ्सब एक ्सा् काम कर रहषे हैं। आपकषे ्सकारातमक ्सह्योग

्सषे हम सनसचित रूप ्सषे एक भारा एकता की सदशा में मजबलूती ्सषे आगषे बढ़ेंगषे।

आपकषे उतकृष्ट प्र्या्सों कषे स्ए सफर ्सषे धन्यवाद और शुभकामनाएँ।

्सादर,

(अनफर अलरी हक)

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आवासरी मुख्य का्य्मपालक

ऑ्यल इंदड्या दलदमटेड

क्षेरि मुख्याल्य, दुदल्याजान

श्री अनफर अलरी हक

वर्ष-20, अंक-33 2023

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मुख्य महाप्रबंधक (क्षेरि प्रशासन)

ऑ्यल इंदड्या दलदमटेड

क्षेरि मुख्याल्य, दुदल्याजान

श्री देवाशरीष बोरा

हमारी कं पनी द्ारा प्रकासशत होनषे वा्ी गृह पसत्रका ‘ऑ्य् सकरण’ का नवीनतम अंक आपकषे ्सममुख रखतषे हुए अपार

प्र्सननता का अनुभव हो रहा है।

हमारी गृह पसत्रका कषे माध्यम ्सषे आपको शुभकामनाएं भषेजनषे का ्यह अव्सर अत्यंत ्सा््षक है। सहनदी भारा हमारषे राष्ट्री्य

एकता और भारती्य ्संसकृसत की अमलूल्य धरोहर है। इ्स अद्ुत भारा कषे महतव को ्समझतषे हुए, हम ्सभी को इ्सषे ्सम््षन और

प्रोत्सासहत करना चासहए।

राजभारा कषे उत्तरोत्तर प्रगसत में हमारी प्र्या्सों का एक महतवपलूण्ष सहस्सा बननषे कषे स्ए आपका हासद्षक आभार। हम उममीद करतषे

हैं सक हम आपकषे ्सा् और भी ्सफ्ता की ओर आगषे बढ़ेंगषे।

मैं पसत्रका कषे ्सभी पाठकों का हृद्य ्सषे आभार व्यक्त करता हूँ और आशा करता हूँ सक पसत्रका को उप्योगी बनानषे कषे स्ए आपकषे

बहुमलूल्य ्सुझाव प्राप्त होतषे रहेंगषे।

धन्यवाद और शुभकामनाएं!

(देवाशरीष बोरा)

वर्ष-20, अंक-33 2023

ऑ्य् इंसड्या स्समटषेड द्ारा प्रत्यषेक छह महीनषे में सनका्ी जानषे वा्ी एकमात्र सहनदी

गृह-पसत्रका 'ऑ्य् सकरण' को आप ्सब कषे ्समक् प्रसतुत करतषे हुए मुझषे अपार हर्ष

हो रहा है।

हमारी गृह-पसत्रका कषे इ्स ्संसकरण में, हम अपनषे उन ्षेखकों का हृद्य ्सषे आभार व्यक्त करतषे हैं सजनहोंनषे अपनी ्षेखनी ्सषे न कषे व्

पसत्रका की शोभा बढ़ाई है, बसलक राजभारा सहनदी कषे प्रसत अपनी गहरी प्रसतबधिता भी सदखाई है। आपकषे अमलूल्य ्योगदान कषे स्ए

हम आप ्सभी का धन्यवाद करतषे हैं।

राजभारा सहनदी का का्या्षनव्यन स्सफ्ष कानलूनी असनवा्य्षता नहीं है, बसलक ्यह हमारी ्सांसकृसतक ्संपदा को ्संजोए रखनषे का एक

माध्यम भी है। इ्स सदशा में हमारी पसत्रका नषे अनषेक पह् की हैं, सजनमें आपका ्सह्योग अत्यंत महतवपलूण्ष रहा है। आपकी ्षेखनी

नषे न कषे व् सवर्यों की गहराई को उजागर सक्या है, बसलक सहनदी भारा कषे ्सौंद्य्ष और इ्सकषे व्याकरसणक सनखार को भी प्रसतुत

सक्या है।

हमनषे पा्या है सक राजभारा कषे प्र्योग ्सषे न कषे व् हमारषे भाराई ्संवाद में ्सुधार होता है, बसलक इ्स्सषे हमारषे नागररकों में एक

्सांसकृसतक जुडाव भी सवकस्सत होता है। आप ्सभी नषे सम्कर एक ऐ्सा मंच तै्यार सक्या है जहाँ सहनदी की उतकृष्टता और इ्सकषे

प्रभावी प्र्योग को बखलूबी प्रदसश्षत सक्या जा ्सकता है।

इ्स वर्ष कषे अपनषे का्य्षक्रमों और पह्ों कषे माध्यम ्सषे हमनषे नवाचारी तरीकों ्सषे राजभारा कषे प्रचार-प्र्सार में ्योगदान सद्या है। चाहषे

वह तकनीकी ्षेखन हो, वैज्ासनक अवधारणाओं का ्सर्ीकरण हो, सवास्थ्य ्संबंधी ्षेख हो, ्या ्सामासजक और आस््षक मुद्ों

पर गहन चचा्ष हो, हमारषे ्षेखकों नषे हर क्षेत्र में राजभारा की महत्ता को बढ़ा्या है।

आगामी सदनों में हम इ्सी तरह की प्रसतबधिता को जारी रखनषे का ्संकलप ्षेतषे हैं। आप ्सभी ्सषे अनुरोध है सक आप भी अपनषे

सवचारों, ्सुझावों और ्षेखों कषे माध्यम ्सषे हमारा ्सा् दषेतषे रहें और राजभारा सहनदी कषे उनन्यन में हमारी मदद करें।

ऑ्य् इंसड्या स्समटषेड अपनषे का्या्ष््यीन का्य्ष राजभारा सहंदी में करनषे की अपनी प्रसतबधिता को ्सुसनसचित करतषे हुए अपनषे कासम्षकों

को सहंदी में दक् बनानषे कषे स्ए सहनदी प्रसशक्ण का्य्षक्रम (प्रबोध, प्रवीण, प्राज्, पारंगत) प्रसशक्ण का्य्षक्रम का ्गातार आ्योजन

करता आ्या है। इ्सकषे असतररक्त, नराका्स की बैठकें , सहनदी का्य्षशा्ा, राजभारा उत्सव, सहनदी की सवसभनन प्रसत्योसगताओं का भी

आ्योजन सक्या है। राजभारा सहनदी में काम करनषे कषे स्ए कम्प्यलूटर आधाररत ई-टलूल्स की जानकारी कषे स्ए तकनीकी का्य्षशा्ाएं

आ्योसजत की गई। इन ्सबको एक बडा फ्क प्रदान करतषे हुए, ऑ्य् कषे ्सभी राजभारा का्य्षक्रमों को स्सफ्ष ऑ्य् कषे कासम्षकों

तक ही ्सीसमत न रख कर कासम्षकों कषे आसरितों, नराका्स कषे ्सदस्यों एवं प्रचा्न क्षेत्रों कषे सवद्ास््ष्यों कषे स्ए भी आ्योसजत सक्या

ग्या, सज्स्सषे हमें नए ्ोगों कषे सवचारों कषे ्सा् भी जुडनषे का ्सुअव्सर सम्ता रहषे।

आशा करता हूँ सक आपको 'ऑ्य् सकरण' का ्यह अंक प्संद आएगा। ऑ्य् सकरण कषे इ्स अंक को उतकृष्ट एवं पठनी्य बनानषे

कषे स्ए सवशषेर प्र्या्स सकए गए हैं, इ्सषे और बषेहतर बनानषे कषे स्ए आपकषे ्सुझावों और मनोभावों का ्सदैव सवागत है।

हासद्षक शुभकामनाओं ्ससहत ।

(ददगंत डेका)

असधकारी (राजभारा)

क्षेत्र मुख्या््य, दुस््याजान

sampaadkIya

श्री ददगंत डेका

वर्ष-20, अंक-33 2023

भारत का सवदनदम्मत एआई (AI) संचादलत भाषा अनुवाद मंच ‘भादषनरी’

?डॉ. रंजन कु मार भागोबतरी

मुख्य अनुसंधान वैज्ाननक

अनुसंधान एवं नवकास नवभाग, दुनि्याजान

्ससद्यों की ्सासहसत्यक परंपरा और ्ाखों बो्नषे वा्ों कषे

बावजलूद, भारत की ्सभी आसधकाररक भाराएँ एक आम ्समस्या

्सषे जलूझ रही हैं - इंटरनषेट की माँगों और क्मता कषे अनुरूप ढ्ना।

भारत का सवसनसम्षत एआई (AI) ्संचास्त भारा अनुवाद मंच

‘भासरनी’ का उद्षेश्य आवाज आधाररत पहुंच ्ससहत भारती्य

भाराओं में इंटरनषेट और सडसजट् ्सषेवाओं तक आ्सान पहुंच

को ्सक्म बनाना और भारती्य भाराओं में ्सामग्ी कषे सनमा्षण में

मदद करना है। इ्सषे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नषे गुजरात कषे गांधीनगर

में सडसजट् इंसड्या वीक 2022 कषे उद्ाटन पर ्ॉनच सक्या ्ा।

सडसजट् इंसड्या भासरनी, भारत कषे आसट्षसफसश्य् इंटषेस्जें्स

(एआई) कषे नषेतृतव वा्षे भारा अनुवाद मंच कषे रूप में, भारा दान

नामक क्राउड-्सोस्सिंग पह् कषे माध्यम ्सषे बहुभारी डषेटा्सषेट बनानषे

कषे स्ए बडषे पैमानषे पर नागररक भागीदारी को ्सक्म करषेगा। हा् ही

में प्रधानमंत्री जी नषे अगसत 2023

में जी20 (G20) सडसजट्

अ््षव्यवस्ा मंसत्र्यों की बैठक

को ्संबोसधत करतषे हुए एआई कषे

इसतषेमा् ्सषे भारा अनुवाद मंच

भासरणी की बात कही। भासरणी

भारती्य भाराओं की बाधा को

तोड दषेगी। 'भासरणी' 22 भाराओं

का अनुवाद करषेगी।

भाषा अनुवाद मंच ‘भादषणरी’

'भासरणी' एक स्ानी्य भारा अनुवाद समशन है सज्सका उद्षेश्य

उप्बध तकनीक का उप्योग करकषे सवसभनन भारती्य भाराओं

कषे बीच की बाधा को तोडना है। इ्स ्सरकारी मंच का ्क््य

आसट्षसफसश्य् इंटषेस्जें्स (एआई) और प्राकृसतक भारा प्र्संसकरण

(एनए्पी) ्सं्साधनों को ्साव्षजसनक डोमषेन में उप्बध कराना है,

सज्सका उप्योग भारती्य एमए्सएमई, सटाट्षअप और व्यसक्तगत

इनोवषेट्स्ष द्ारा सक्या जा ्सकषे । ्यह परर्योजना https://www.

bhasini.gov.in/en/ वषेब्साइट पर उप्बध है और इ्सका

उद्षेश्य एक ऐ्सषे पाररसस्सतकी तंत्र का सनमा्षण और सवका्स करना

है जहां सवसभनन सहतधारक जै्सषे - ्संस्ान, उद्ोग कषे सख्ाडी,

अनु्संधान ्समलूह, सशक्ासवद और व्यसक्त शासम् हो ्सकें । 'डषेटा,

प्रसशक्ण और बेंचमाक्ष डषेटा्सषेट, खु्षे मॉड्, उपकरण और

प्ररौद्ोसगसक्यों कषे सनरंतर सवकस्सत होनषे वा्षे भंडार' को बनाए रखनषे

कषे स्ए एकजुट हों।

भादषणरी के लक््य

 इ्स समशन का उद्षेश्य भारती्य नागररकों को उनकी अपनी

भारा में दषेश की सडसजट् पह् ्सषे जोडकर उनहें ्सशक्त बनाना है,

सज्स्सषे सडसजट् ्समावषेशन को बढ़ावा सम्षेगा।

 भासरनी मंच ्संपलूण्ष सडसजट् पाररसस्सतकी तंत्र को उतप्रषेररत

करषेगा और सडसजट् ्सरकार कषे ्क््य को ्साकार करनषे की सदशा

में एक बडा कदम है ।

 कृसत्रम बुसधिमत्ता और अन्य उभरती प्ररौद्ोसगसक्यों की शसक्त

का ्ाभ उठाकर नागररकों कषे

स्ए ्सषेवाओं और उतपादों को

सवकस्सत करनषे कषे स्ए भाराओं

कषे स्ए एक राष्ट्री्य ्साव्षजसनक

सडसजट् ्प्षेटफॉम्ष बनाना है।

भासरनी का उद्षेश्य

्साव्षजसनक सहत, सवशषेर रूप ्सषे

शा्सन-और-नीसत, सवज्ान और

प्ररौद्ोसगकी आसद कषे क्षेत्रों में

इंटरनषेट पर भारती्य भाराओं में ्सामग्ी को काफी हद तक बढ़ाना

है, सज्स्सषे नागररकों को अपनी भारा में इंटरनषेट का उप्योग करनषे

कषे स्ए प्रोत्सासहत सक्या जा ्सकषे ।

भादषनरी का महतव

2001 की जनगणना कषे अनु्सार, भारत में 122 प्रमुख भाराएँ और

1599 अन्य भाराएँ हैं। हा्ांसक, सडसजट्ीकरण कषे इ्स वत्षमान

्युग में वषेब पर उप्बध असधकांश कं टेंट अंग्षेजी में है। भारत ्सरकार

नषे बडषे पैमानषे पर भारती्य भारा की बाधा को तोडनषे की उममीद

में ‘भासरनी’ परर्योजना शुरू की है और चाहती है सक डषेव्प्स्ष

भारती्यों को उनकी स्ानी्य भाराओं में सडसजट् ्सषेवाएं प्रदान

भारा ही राष्ट्र का जीवन है - पुरुषोत्तमदास टंडन

वर्ष-20, अंक-33 2023

करें। भासरनी भारती्य भाराओं की बाधा को तोड दषेगी । आजक्,

वषेब पर उप्बध असधकांश कं टेंट आमतरौर पर अंग्षेजी में होती है,

उ्सकषे बाद चीनी और अन्य भाराओं में होती है। भारती्य भारा

शीर्ष द्स की ्सलूची में शासम् नहीं है, जो स्ानी्य भाराओं में कं टेंट

की भारी कमी को दशा्षता है। ‘भासरनी’ स्ानी्य भाराओं कषे स्ए

इंटरनषेट एक्सषे्स की अनुमसत दषेनषे कषे स्ए एक रोडमैप बनानषे का

एक अनोखा मरौका है। भारत कषे सवत्त द्ारा 2021-22 कषे बजट

में राष्ट्री्य भारा अनुवाद समशन (एनए्टीएम) की घोरणा की

गई ्ी। इ्स समशन को शुरू करनषे कषे पीछषे का कारण एक ्सववेक्ण

्ा सज्सनषे सनष्कर्ष सनका्ा सक 53% भारती्य जो इंटरनषेट का

इसतषेमा् नहीं करतषे हैं। भारती्य मलू् भाराओं में कांटनषेट उप्बध

होगा तो वषे वषेब का उप्योग करना शुरू कर देंगषे। समाट्षफोन की

बढ़ती उप्बधता और ्ससती डषेटा दरें इंटरनषेट को दषेश कषे दलूरदराज

और ग्ामीण इ्ाकों में प्रवषेश करनषे की अनुमसत दषे रही हैं सज्स में

भासरणी अपनषे आप में एक नई ऊजा्ष प्रदान करषेगी । भासरनी नषे

भारती्य नागररकों को उनकी मलू् भारा में सडसजट् ्सामग्ी प्रदान

करकषे उनहें असधक ्सु्भ बनानषे कषे स्ए एक पाररसस्सतकी तंत्र

को ्सक्म करनषे कषे स्ए एक रोडमैप सवकस्सत करषेगी । ्सा् ही,

भासरनी डषेटा ्संग्ह, क्यलूरषेशन, बेंचमासकिं ग और अपनानषे कषे स्ए

मानक भी पषेश करषेगी। इ्स्सषे डषेटा तक व्यापक पहुंच ्सुसनसचित होगी

और बद्षे में, नागररकों कषे स्ए नवीन अनुप्र्योगों और ्सषेवाओं

का सवका्स होगा।

सनष्कर्षतः भासरनी, एक बार पलूरी तरह ्सषे सवकस्सत हो जानषे पर,

्सभी भारती्य भाराओं में सडसजट् ्सामग्ी कषे सवतरण को बढ़ावा

दषेनषे कषे स्ए भारती्य भाराओं कषे स्ए एक राष्ट्री्य सडसजट्

्साव्षजसनक मंच होगा। इ्सकषे पररणामसवरूप एक ज्ान-आधाररत

्समाज का सनमा्षण होगा जहां जानकारी सवतंत्र रूप ्सषे और

आ्सानी ्सषे उप्बध होगी और पाररसस्सतकी तंत्र और नागररकों

को "आतमसनभ्षर" बनाएगी। q

सहंदी जै्सी ्सर् भारा दलू्सरी नहीं है – मौलाना हसरत मोहानरी

संके त बताते हैं दक मुंह के कैं सर की हो चुकी है शुरुआत,

न करें नजरअंदाज

?डॉ. नवनरीत सवरदगररी

मुख्य निनकतसा अनधकारी (दंत निनकतसा)

निनकतसा नवभाग, दुनि्याजान

मुंह के अंदर गांठ को कभरी नजरअंदाज न करें।

मुंह के कैं सर में कई चरीजें आ जातरी हैं।

इसदलए मुंह के कैं सर के लक्षण में कई संके त होते हैं।

हर तरह कषे कैं ्सर कषे स्ए आज भी मुकमम् इ्ाज नहीं है, जो

इ्ाज है अगर शुरुआत में इ्सका पता च् ग्या तो ही कुछ जीनषे

की उममीद होती है। इ्सस्ए कैं ्सर का नाम ्सुनतषे ही ्ोगों कषे पैरों

कषे नीचषे जमीन सख्सक जाती है । डबल्यलूएचओ कषे मुतासबक हर 6

में ्सषे एक मरौत कैं ्सर ्सषे होती है । कैं ्सर का इ्ाज तभी ्संभव है

जब इ्सका शुरुआती दरौर में पता च् जाए ्षेसकन जागरूकता कषे

अभाव में हम इ्सकषे बारषे में अक्सर नजरअंदाज कर दषेतषे हैं । कुछ

ऐ्सी शारीररक परषेशासन्यां हैं सजनहें हम मामलू्ी ्समझ ्षेतषे हैं और

कैं ्सर कषे ्क्ण भी इ्सी मामलू्ी ्संकषे तों ्सषे शुरू होतषे हैं ।मुंह कषे

कैं ्सर में इ्सी तरह ्सषे हलकषे ्क्ण सदखतषे हैं. इ्सस्ए ्यसद ्सम्य पर

मुंह कषे कैं ्सर कषे ्संकषे तों पर ध्यान सद्या जाए तो इ्स घातक बीमारी

्सषे बचा जा ्सकता है ।

क्या है मुंह का कैं सर

मा्यो सक्सनक कषे मुतासबक मुंह कषे ्समलूचषे सहस्सषे और अंदरुनी

सहस्सषे जै्सषे सक होंठ, म्सलूडा, जीभ, गा् कषे अंदर, मुंह कषे अंदर का

ऊपरी सहस्सा, जीभ कषे नीचषे का भाग आसद सहस्सों में मुंह का कैं ्सर

हो ्सकता है । मुंह कषे अंदर कषे कैं ्सर कषे ओर् कैं ्सर कहतषे हैं ।

माउथ कैं सर के संके त

हा्ांसक सक्सी भी कैं ्सर कषे ्क्ण बीमारी ्गनषे कषे तुरंत बाद

नहीं सदखतषे हैं ्षेसकन जै्सषे ही ्यह सवकस्सत होतषे हैं कुछ मामलू्ी

्क्ण सदखनषे ्गतषे हैं । मुंह कषे कैं ्सर होनषे पर मुंह कषे अंदर एक

्सफषेद ्या ्ा् रंग की जगह बन जाती है । इ्सकषे ्सा् ही

दांतों में ढी्ापन आनषे ्गता है। वहीं मुंह कषे अंदर ्ंप ्या कुछ

गांठ की तरह बढ़नषे ्गता है, मुंह में अक्सर दद्ष होनषे ्गता है।

इतना ही नहीं मुंह में कैं ्सर होनषे पर कानों में भी दद्ष होनषे ्गता

है। जब बीमारी बढ़ जाए तो भोजन सनग्नषे में सदककत होती है।

होंठ ्या मुंह का घाव हो जाता है जो इ्ाज करानषे कषे बाद ठीक

नहीं होता ।

वर्ष-20, अंक-33 2023

राष्ट्रभारा कषे सबना राष्ट्र गलूंगा है - महातमा गांधरी

मुंह के कैं सर का कारण

मुंह कषे कैं ्सर में मुंह की कोसशकाओं कषे अंदर डीएनए में उतपररवत्षन

होनषे ्गता है । एक तरह ्सषे ्यह बीमारी कोसशकाओं कषे डीएनए

को क्सतग्सत कर दषेती है । डीएनए क्सतग्सत होनषे कषे कई कारण

हो ्सकतषे हैं: कई तरह कषे प्या्षवरणी्य कारण, तंबाकलू में मरौजलूद

रा्सा्यसनक पदा््ष, ्सलू्य्ष की अलट्रावा्य्षेट सकरणें, खानषे में मरौजलूद

सवराक्त पदा््ष, सवसकरण, ्संक्रामक पदा््ष, शराब में मरौजलूद र्सा्यन,

बैंजीन, एसबषेसट्स, अ्सवेसनक, बषेरषेस््यम, सनकषे ् जै्सषे कैं ्सर कारक

पदा््ष आसद कोसशकाओं कषे डीएनए को क्सतग्सत कर दषेतषे हैं ।

इन लोगों को है ज्यादा खतरा

जो ्ोग तंबाकलू का सक्सी भी रूप में ्सषेवन करतषे हैं, उनहें मुंह कषे

कैं ्सर का खतरा कई गुना ज्यादा है । चाहषे वह धलूम्र पान, बीडी,

स्सगार ्या तंबाकलू का ही ्सषेवन क्यों न कर रहषे हो । वहीं बहुत असधक

शराब ्षेनषे वा्षे को भी मुंह कषे कैं ्सर का खतरा है। शारीररक ्संबंधों

्सषे फै्नषे वा्षे ह्लूमन पषेसप्ोमावा्यर्स ्सषे भी मुंह का कैं ्सर हो

्सकता है। इ्सस्ए ्सुरसक्त ्यरौन ्संबंध बनाना चासहए । सज्स व्यसक्त

की रोग प्रसतरोधक क्मता कमजोर होती है, उ्सषे भी मुंह कषे कैं ्सर

का खतरा रहता है ।

कै से करें बचाव

मुंह का कैं ्सर ्या सक्सी अन्य तरह कषे कैं ्सर ्सषे बचाव कषे स्ए

तंबाकलू का सक्सी भी रूप में ्सषेवन नहीं करना चासहए । शराब ्सषे

परहषेज करना चासहए । बहुत ज्यादा धलूप में नहीं रहना चासहए । मुंह

्सषे ्संबंसधत परषेशासन्यों में ्गातार सचसकत्सकों ्सषे ्संपक्ष में रहना

चासहए । हषेलदी खाना खाए । हरी ्सबजी, फ् और ्साबुत अनाज

का ्सषेवन ज्यादा करें । पह्षे ्सषे प्र्संसकृत भोजन, ्संतृप्त भोजन

सडबबाबंद भोजन ्सषे दलूर रहें । q

मुँह के कैं सर का सव-पररीक्षा में देखने ्योग्य लक्षण

मुँह ्या कान में दद्ष

अ्सामान्य गांठ ्या

ऊतक का मोटा होना

चबानषे ्या सनग्नषे में

कसठनाई

गद्षन में गांठ

एररथ्ो्प्ासक्या, मरौसखक

ऊतक कषे ्ा् धबबषे

ल्यलूको्प्ासक्या, मरौसखक

ऊतक कषे ्सफषेद धबबषे

घाव जो ठीक नहीं हो पातषे

और आ्सानी ्सषे

खलून बहता है

क्रोसनन ग्षे में खराश ्या

आवाज बैठ जाना

वर्ष-20, अंक-33 2023

राष्ट्रभारा सहनदी का सक्सी क्षेत्री्य भारा ्सषे कोई ्संघर्ष नहीं है – अनंत गोपाल शेवडे

दवश्वभाषा की ओर दहनदरी के बढ़ते कदम

?तामश्री शैदक्या

आनरित - ऋतुराज बोरा

सामग्ी नवभाग, दुनि्याजान

तकनीकी दुसन्या में ्समसत सवश्व एक वैसश्वक गाँव बन ग्या है,

सज्समें कभी भी, कहीं ्सषे भी, सक्सी ्सषे भी ततका् ्संपक्ष स्ासपत

हो ्सकता है, ्यह भी भसवष््यवाणी की जा रही है सक वैश्वीकरण कषे

इ्स दरौर में सवश्व की द्स भारा ही जीसवत रहेंगी, सजनमें सहनदी भी

एक होगी। वैश्वीकरण और बाजारवाद कषे ्संदभ्ष में सहनदी का महतव

इ्सस्ए बढ़षेगा क्योंसक भसवष््य में भारत व्याव्सास्यक, व्यापाररक एवं

वैज्ासनक दृसष्ट ्सषे एक सवकस्सत दषेश होगा। सवश्वभाराएं तो सवश्व की

उ्स प्रत्यषेक भारा को कहा जा ्सकता है, सज्समें प्र्योक्ता एकासधक

दषेशों में ब्सषे हुए हैं सकनतु सवश्वभारा पद की वासतसवक असधकाररणी

वषे भाराएं हैं, जो सवश्व कषे असधकतर दषेशों में पढ़ी, स्खी, बो्ी, ्सुनी

और ्समझी जाती हैं। वसतुतः प्रत्यषेक सवश्वभारा

कषे प्रमुख का्य्ष होतषे हैं-बो्चा्

एवं जन्संपक्ष , ्सासहत्य ्सृजन,

सशक्ा एवं जन्संचार माध्यम,

प्रशा्ससनक

कामकाज,

व्याव्सास्यक

और

तकनीकी अनुप्र्योग और

सवश्वबोध ्या वैसश्वक चषेतना।

सवश्वभारा ्सषे अपषेक्ाएं होती

हैं सक उ्सषे बो्नषे-्समझनषे वा्ों

का सवसतृत भरौगोस्क सवसतार हो। आज

भारत कषे बाहर नषेपा्, भलूटान, स्संगापुर, म्षेसश्या, ्ाई्ैंड,

हांगकांग, फीजी, मॉरीश्स, सट्रनीदाद, ग्याना, ्सलूरीनाम, इंग्ैंड,

कनाडा और ्सं्युक्त राज्य अमषेररका में सहनदी भारी प्रचुर ्संख्या में

हैं। दलू्सरी अपषेक्ा है सक वह भारा ्ची्ी हो, उ्समें सभनन ्संदभभों

की असभव्यसक्त की क्मता हो, उ्सका एक ्सव्षसवीकृत मानक रूप

हो, उ्समें उपमानकों की कुछ दलूर तक सवीकृसत होतषे हुए भी परसपर

्संप्रषेरणी्यता सक्सी-न-सक्सी सवीकृत मानक कषे माध्यम ्सषे बनी हुई

हो और सहनदी में ्यह गुण भी हैं।

्सामासजक सतर पर भी भारती्य भाराओं कषे ्सममान, सवका्स एवं

प्रसतावना

भारा मानव ्समाज की अप्रसतम उप्सबध है। भारा भावों, सवचारों

की असभव्यसक्त अ्वा भाव ्समप्रषेरण का ्सव्ष्सु्भ व ्सशक्त

्साधन है। तासतवक रूप ्सषे भारा धवसन प्रतीकों की एक व्यवस्ा

है सज्सकषे माध्यम ्सषे मानव ्समलूह सवचार-सवसनम्य करता है। इनहीं

धवसन-प्रतीकों ्या शबदों कषे भाव शबद ्या भारा द्ारा ही मानव

्समाज में प्रचस्त होतषे हैं। वसतुतः भारा ही ज्ान का ्सव्ष्सु्भ

माध्यम है। इतना ही नहीं, भारा ही सक्सी दषेश की ्सचची पहचान,

उ्स दषेश की ्संसकृसत की ्संवासहका होती है। सक्सी भी राष्ट्र की

वैचाररक एवं ्सामासजक एकता का आधार भी भारा ही है।

ज्यों-ज्यों ्सभ्यता का सवका्स होता है, भारा

भी प्ररौढ़ और पुष्ट होती जाती है।

राजनीसतक, व्यापाररक ्या

धासम्षक ्संबंध जलद ्या दषेर ्सषे

कमजोर पड ्सकतषे हैं और

प्रा्यः टलूट जातषे हैं, ्षेसकन

भारा का ररशता ्सम्य और

अन्य सबखरनषे वा्ी शसक्त्यों

की परवाह नहीं करता और एक

तरह ्सषे मजबलूत हो जाता है। सक्सी

एक राष्ट्र को दृढ़ और मजबलूत बनानषे कषे स्ए

उ्स दषेश में ्सांसकृसतक सवसशष्टता का होना सनतानत आवश्यक है

और सक्सी राष्ट्र की भारा त्ा स्सप इ्स ्सांसकृसतक सवसशष्टता का

एक सवशषेर अंग होती है। ्यह सनसचित है सक राष्ट्री्य भारा कषे सबना

सक्सी राष्ट्र कषे अससततव की कलपना ही नहीं हो ्सकती। सहनदी,

सज्सषे भारती्य ्संसवधान में राजभारा घोसरत कर सद्या ग्या है और

जो इ्स दषेश की आतमा को बहुत अंश तक काफी का् ्सषे व्यक्त

करती आ रही है, अनषेकता कषे बीच एकता कषे ्साम्राज्य को स्ासपत

करनषे में अपना महत्वपलूण्ष ्योगदान दषेती रही है।

वैदश्वक पररप्रेक््य में दहनदरी भाषा की अवदसथदत - आज की

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वर्ष-20, अंक-33 2023

सवासभमान जगानषे हषेतु दषेशव्यापी असभ्यान प्रारंभ सक्या जाना

चासहए। इन ्सब प्र्या्सों कषे द्ारा ही भारती्य भाराओं का उत्ान

होगा एवं सहंदी सवश्व की भारा बन ्सकषे गी।

दवश्वभाषा की ओर दहनदरी के बढ़ते कदम - सवश्वभारा बननषे

की ओर सहनदी कषे बढ़तषे कदम भारत कषे स््यषे एक बडी उप्सबध

है। सहनदी सवश्वभारा बननषे की ्समसत अह्षताएं एवं सवशषेरताएं सव्यं

में ्समा्यषे हुए है। सवश्व में सहंदी भारी करीब 70 करोड ्ोग हैं।

सहनदी एक सवश्वभारा हैं, क्योंसक वह एक दषेश की राष्ट्रभारा होनषे

कषे ्सा्-्सा् अन्य दषेशों में भी प्या्षप्त ्संख्या में ्ोगों द्ारा स्खी,

बो्ी और ्समझी जाती है। वैश्वीकरण कषे पररप्रषेक््य में सहनदी कषे प्रसत

्सकारातमक प्रवृसत्त्यां है-

1. भरौगोस्क पर सहनदी सवश्वभारा है क्योंसक इ्सकषे बो्नषे-

्समझनषे वा्षे ्सं्सार कषे ्सब महाद्ीपों में फै्षे हैं।

2. जनतांसत्रक आधार पर सहनदी सवश्वभारा है क्योंसक उ्सकषे

बो्नषे-्समझनषे वा्ों की ्संख्या ्सं्सार में दलू्सरी है।

3. सवश्व कषे 132 दषेशों में जा ब्सषे भारती्य मलू् कषे ्गभग 2 करोड

्ोग सहनदी माध्यम ्सषे ही अपना का्य्ष सनष्पासदत करतषे हैं।

4. सहनदी सवं्य में अपनषे भीतर एक अनतरराष्ट्री्य जगत सछपाए

हुए हैं। आ्य्ष, द्रसवड, आसदवा्सी, सपषेनी, पुत्षगा्ी, जम्षन,

फ्ेंच, अंग्षेजी, अरबी, फार्सी, चीनी, जापानी, ्सारषे ्सं्सार

की भाराओं कषे शबद इ्सकी अनतरराष्ट्री्य मैत्री एवं व्सुधैव

कुटुमबकम वा्ी प्रवृसत्त को उजागर करतषे हैं।

5. एसश्याई ्संसकृसत में अपनी सवसशष्ट भलूसमका कषे कारण सहनदी

एसश्याई भाराओं ्सषे असधक

एसश्या की प्रसतसनसध भारा

है।

6. सहनदी का सक्सी दषेशी ्या

सवदषेशी भारा ्सषे कोई सवरोध

नहीं है। अनषेक भाराओं कषे

शबद ग्हीत होकर सहनदीम्य

बन गए हैं। ्यही कारण है सक

आज सहनदी का शबदकोश

सवश्व का ्सब्सषे बडा भासरक

शबदकोश है।

7. गुणवता की दृष्टी ्सषे अनुवाद की सस्सत बषेहतर होती जा रही

है। ्घु पसत्रकाओं में मरौस्क और अनुवाद कषे प्रकाशन का

सवागत और सवीका्य्षता बढ़ती जा रही है।

8. इंटरनषेट पर भी सहनदी सवीका्य्ष और ्ोकसप्र्य हो रही है। सहनदी

पत्रकाररता और सहनदी ्सासहत्य भी अब इंटरनषेट कषे माध्यम ्सषे

सवश्वभर में प्र्साररत होनषे ्गा है।

9. दषेश-सवदषेश में प्रकासशत होनषे वा्षे पत्र-पसत्रकाओं नषे सहनदी को

सवश्वभारा बना्या है। इ्सकषे द्ारा सहंदी भारा और ्सासहत्य का

प्र्सार सवदषेशों में हुआ है।

10. सहनदी की व्यापकता कषे कारण दुसन्या कषे 175 दषेशों में सहनदी

कषे सशक्ण और प्रसशक्ण कषे अनषेक माध्यम कषे नद्र बन गए हैं।

सहनदी का सशक्ण और प्रसशक्ण कषे नद्र सवश्व कषे ्गभग 180

सवश्वसवद्ा््यों, शैक्सणक ्संस्ाओं में च् रहा है।

11. भारत कषे आकाशवाणी और दलूरदश्षन सहनदी को सवश्व सतर पर

स्ासपत करनषे में सनरंतर का्य्षरत है। सवश्व कषे टषे्ीसवजन चैन्ों

्सषे सहनदी कषे का्य्षक्रमों कषे प्र्सारण नषे भी सहनदी को सवश्वभारा

बनानषे में महतवपलूण्ष भलूसमका सनभाई है।

अचछी बात ्यह है सक सवदषेशों में रहनषे वा्षे भारती्यों कषे बीच

भारती्य ्संसकृसत व भारा ्सीखनषे की रुसच बढ़ी है। ्यही कारण है

सक कई सवदषेशी दषेशों नषे भारती्य अध्य्यनों को बढ़ावा दषेनषे कषे स्ए

अपनषे ्यहां सहंदी ्सीखनषे कषे स्ए अध्य्यन कें द्र स्ासपत सकए हैं।

इन ्संस्ानों में भारती्य धम्ष, इसतहा्स और ्संसकृसत पर पाठ््यक्रम

उप्बध करानषे कषे ्सा्- ्सा् सहंदी, उदलू्ष और ्संसकृत जै्सषे कई

भारती्य भाराओं की सशक्ा भी

प्रदान की जाती हैं। वत्षमान कषे

वैश्वीकरण और सनजीकरण कषे

्सम्य में अन्य दषेशों कषे ्सा् भारत

कषे बढ़तषे व्यापाररक ्संबंधों नषे एक-

दलू्सरषे दषेशों की भाराओं को ्सीखनषे

की आवश्यकता को और भी

असधक बढ़ा सद्या है। एक-दलू्सरषे

दषेश कषे ्सा् ्सह्योग एवं सवका्स

की भावना कषे कारण सहंदी की

्ोकसप्र्यता अन्य दषेशों में बहुत

हमारी नागरी स्पी दुसन्या की ्सब्सषे वैज्ासनक स्पी है - राहुल सांकृ त्या्यन

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